| 1. | लगाएगा, जो आपात कोण के साथ बढ़ेगा।
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| 2. | लगाएगा, जो आपात कोण के साथ बढ़ेगा।
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| 3. | जब तक पक्षक का वेग से आपात कोण (
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| 4. | कम आपात कोण की अवस्था में भी बलों का सैद्धांतिक विवेचन जटिल है;
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| 5. | कम आपात कोण की अवस्था में भी बलों का सैद्धांतिक विवेचन जटिल है;
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| 6. | जब तक पक्षक का वेग से आपात कोण (incidence angle) अत्यधिक न हो, पक्षक के परित:
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| 7. | यदि आपात कोण एक सीमा से बढ़ जाता है, तो प्रवाह धारारेखी न रहकर विक्षुब्ध (
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| 8. | कर्ष एकदम बए जाता है और उत्थापक बल आपात कोण के बढ़ने पर कुछ कम होने लगता है।
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| 9. | कर्ष एकदम बए जाता है और उत्थापक बल आपात कोण के बढ़ने पर कुछ कम होने लगता है।
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| 10. | यदि आपात कोण एक सीमा से बढ़ जाता है, तो प्रवाह धारारेखी न रहकर विक्षुब्ध (turbulent) हो जाता है और पक्ष अव्यवस्थित होने लगता है (अर्थात् stalls);
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